विध्न विनायक मंगल मूर्ति पधारो, गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं Ganesh Chaturthi 2024

विध्न विनायक मंगल मूर्ति पधारो, गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं Ganesh Chaturthi 2024

Ganesh Chaturthi 2024

गणेश चतुर्थी 2024: एक महापर्व की झलक

गणेश चतुर्थी, जिसे विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म का एक प्रमुख और लोकप्रिय त्योहार है, जिसे भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। 2024 में यह पावन पर्व 7 सितंबर से प्रारंभ होगा, जो भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर आता है। गणेश चतुर्थी का यह त्योहार दस दिनों तक बड़े उत्साह और धूमधाम से मनाया जाएगा, जिसका समापन अनंत चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन के साथ होगा।

भगवान गणेश का महत्व

भगवान गणेश को “विघ्नहर्ता” यानी विघ्नों को दूर करने वाले देवता के रूप में पूजा जाता है। वे बुद्धि, समृद्धि, और मंगल के प्रतीक हैं। कोई भी शुभ कार्य या नई शुरुआत उनसे आशीर्वाद लेकर ही आरंभ की जाती है। उनके चार प्रमुख गुण – बुद्धि, शांति, समृद्धि, और शक्ति – को प्राप्त करने के लिए भक्त उन्हें श्रद्धा और विश्वास के साथ पूजते हैं। गणेश जी का मस्तक हाथी का और शरीर मानव का है, जो उन्हें अद्वितीय बनाता है। यह स्वरूप उनकी शक्ति, धैर्य और विवेक का प्रतीक है।

गणेश चतुर्थी की पौराणिक कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, माता पार्वती ने अपने स्नान के दौरान अपने शरीर के उबटन से गणेश जी की रचना की और उन्हें दरवाजे पर पहरेदार के रूप में खड़ा कर दिया। जब भगवान शिव घर आए और अंदर जाने का प्रयास किया, तो गणेश जी ने उन्हें रोका, जिससे भगवान शिव क्रोधित हो गए और अपने त्रिशूल से उनका सिर काट दिया। जब माता पार्वती ने यह देखा तो वे अत्यंत दुखी हो गईं। उनके दुख को दूर करने के लिए भगवान शिव ने गणेश जी के कटे हुए सिर की जगह हाथी का सिर जोड़ दिया और उन्हें सभी देवताओं में सर्वोच्च स्थान दिया। इसी कारण उन्हें “प्रथम पूज्य” भी कहा जाता है।

गणेश चतुर्थी की पूजा विधि

गणेश चतुर्थी की पूजा विधि अत्यंत सरल और प्रभावशाली होती है। इस दिन भक्त भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना करते हैं और विशेष रूप से लाल रंग के वस्त्र, चंदन, दूर्वा, मोदक, और फूलों से उनकी पूजा करते हैं। गणेश जी के प्रिय व्यंजन मोदक को भक्तगण विशेष रूप से इस दिन तैयार करते हैं। उनकी पूजा के दौरान मंत्रोच्चारण और आरती का आयोजन किया जाता है। गणेश चतुर्थी के उत्सव के दस दिनों तक उनके भक्त उनकी सेवा और भक्ति में लीन रहते हैं, और 10वें दिन बड़े हर्षोल्लास के साथ उनकी मूर्ति का विसर्जन करते हैं।

2024 का विशेष गणेश चतुर्थी उत्सव

2024 में गणेश चतुर्थी का उत्सव और भी भव्य और विशेष होने की संभावना है, क्योंकि इस वर्ष बहुत से श्रद्धालुओं ने बड़े पैमाने पर सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की योजना बनाई है। विभिन्न शहरों में विशाल पंडालों की सजावट, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन और सामाजिक कार्यों की योजना इस वर्ष के गणेशोत्सव को और भी यादगार बना देगा। साथ ही, पर्यावरण के प्रति जागरूकता को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष ईको-फ्रेंडली गणेश मूर्तियों के उपयोग का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है, जिससे गणेश विसर्जन के दौरान जलस्रोतों को प्रदूषण से बचाया जा सके।

गणेश विसर्जन: अनंत चतुर्दशी

गणेश चतुर्थी का समापन अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन के साथ होता है। इस दिन भक्तजन गणेश जी की मूर्ति को जल में विसर्जित करते हैं और अगले वर्ष फिर से गणेश जी के आगमन की कामना करते हैं। विसर्जन के समय “गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ” जैसे जयकारों से वातावरण गुंजायमान रहता है।

गणेश चतुर्थी का सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व

गणेश चतुर्थी सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि इसका सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व भी बहुत अधिक है। इस पर्व के दौरान लोग एकजुट होकर अपने धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों का पालन करते हैं। यह पर्व भारत के विभिन्न हिस्सों में, विशेषकर महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, और आंध्र प्रदेश में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह समाज में एकता, सामंजस्य, और भाईचारे का संदेश भी देता है।

गणेश चतुर्थी का पर्व भगवान गणेश के प्रति आस्था और भक्ति को प्रकट करने का एक सुअवसर है। 2024 में यह महापर्व नए उत्साह और सामाजिक-सांस्कृतिक जागरूकता के साथ मनाया जाएगा। भगवान गणेश सभी के जीवन से विघ्न दूर करें और मंगलमय जीवन का आशीर्वाद प्रदान करें, यही कामना की जाती है।

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