एनडीए सरकार
(2014-19)
जेएमएम+कांग्रेस गठबंधन सरकार (2019-24)
Jharkhand
एनडीए सरकार (2014-19):
शिक्षा
1. स्कूल इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास:
- विद्यालयों की संख्या में वृद्धि: इस अवधि के दौरान राज्य में नए विद्यालयों की स्थापना की गई, खासकर ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में, जिससे बच्चों को बेहतर शिक्षा सुविधा मिल सके।
- स्मार्ट क्लासरूम का प्रावधान: राज्य के कई सरकारी विद्यालयों में स्मार्ट क्लासरूम की शुरुआत की गई, जिससे छात्रों को डिजिटल शिक्षा का लाभ मिल सके।
- लाइब्रेरी और लैब्स का विकास: विज्ञान और तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए स्कूलों में विज्ञान प्रयोगशालाओं और पुस्तकालयों का निर्माण हुआ।
2. शिक्षक गुणवत्ता सुधार:
- शिक्षक भर्ती और प्रशिक्षण: 2014 से 2019 के बीच कई शिक्षकों की नियुक्ति की गई और उन्हें आधुनिक शिक्षण तकनीकों में प्रशिक्षित किया गया, जिससे शिक्षण स्तर में सुधार हुआ।
- शिक्षक अनुपात में सुधार: छात्र-शिक्षक अनुपात को सुधारने के लिए अधिक शिक्षकों की भर्ती की गई, जिससे कक्षाओं में शिक्षण का बेहतर प्रबंधन हो सके।
3. शिक्षा के लिए योजनाएँ और पहल:
- सर्व शिक्षा अभियान: इस योजना के तहत प्राथमिक और उच्च प्राथमिक शिक्षा तक सभी बच्चों की पहुँच सुनिश्चित की गई। शिक्षा में गुणवत्ता सुधार के लिए इस अभियान को और मजबूत किया गया।
- मध्याह्न भोजन योजना: इस योजना को और प्रभावी बनाते हुए स्कूलों में बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया गया, जिससे छात्रों की उपस्थिति और शिक्षा के प्रति रुचि बढ़ी।
- झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद: इसके तहत राज्य में शिक्षा को सुलभ बनाने के लिए कई योजनाएं लागू की गईं, विशेषकर अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्गों के छात्रों के लिए।
4. शिक्षा में डिजिटलीकरण:
- ई-लर्निंग और ई-लाइब्रेरी: डिजिटल इंडिया के तहत राज्य में कई ई-लर्निंग प्लेटफार्म और ई-लाइब्रेरी की शुरुआत की गई, जिससे छात्रों को घर बैठे पढ़ाई के संसाधन उपलब्ध हो सकें।
- डिजिटल स्कूल प्रोजेक्ट: झारखंड सरकार ने ग्रामीण इलाकों के स्कूलों को भी डिजिटल शिक्षा से जोड़ने के लिए कई परियोजनाएं चलाईं।
5. उच्च शिक्षा और कौशल विकास:
- उच्च शिक्षा में सुधार: विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में नए पाठ्यक्रमों की शुरुआत की गई, साथ ही कॉलेजों में आधारभूत संरचना का विकास किया गया।
- कौशल विकास केंद्र: राज्य में युवाओं को रोजगारपरक शिक्षा देने के लिए कौशल विकास केंद्रों की स्थापना की गई। ‘स्किल डेवलपमेंट मिशन‘ के तहत हजारों युवाओं को प्रशिक्षित किया गया।
6. छात्रवृत्ति और वित्तीय सहायता:
- छात्रवृत्ति योजनाएँ: आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों, अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों के छात्रों के लिए विशेष छात्रवृत्ति योजनाएँ चलाई गईं, जिससे उन्हें उच्च शिक्षा की दिशा में प्रोत्साहन मिला।
- अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति: अल्पसंख्यक छात्रों के लिए केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त योजनाओं के तहत छात्रवृत्तियाँ दी गईं।
7. विद्यालय ड्रॉपआउट दर में कमी:
- अभियान और जागरूकता कार्यक्रम: झारखंड में इस दौरान स्कूल छोड़ने की दर को कम करने के लिए विभिन्न जागरूकता अभियान चलाए गए, विशेष रूप से बालिका शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाई गई।
- कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय: इन विद्यालयों की संख्या में वृद्धि की गई, जिससे ग्रामीण इलाकों की लड़कियों को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।
स्वास्थ्य
1. मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी:
- झारखंड में मातृ मृत्यु दर (MMR) और शिशु मृत्यु दर (IMR) को कम करने के लिए कई योजनाएं चलाई गईं। 2014 में मातृ मृत्यु दर 165 प्रति लाख जीवित जन्म थी, जो 2019 तक घटकर लगभग 150 हो गई।
- शिशु मृत्यु दर भी 2014 में 44 प्रति हजार थी, जो 2019 तक घटकर लगभग 32 प्रति हजार हो गई। यह सुधार मातृ-शिशु स्वास्थ्य सेवाओं और संस्थागत प्रसव में वृद्धि के कारण हुआ।
2. आयुष्मान भारत योजना:
- 2018 में आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की गई, जिसमें गरीब और वंचित परिवारों को 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया गया। इस योजना के तहत लाखों लोगों को निःशुल्क इलाज की सुविधा दी गई।
- झारखंड में इस योजना का प्रभावी क्रियान्वयन हुआ और कई गरीब परिवारों को इसका लाभ मिला। 2019 तक झारखंड में इस योजना के तहत 40 लाख से अधिक लोगों ने लाभ प्राप्त किया।
3. स्वास्थ्य केंद्रों का उन्नयन:
- इस अवधि में झारखंड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) का उन्नयन किया गया। कई नई इमारतों का निर्माण और पुराने केंद्रों का नवीनीकरण हुआ।
- 2014 से 2019 के बीच कई नए स्वास्थ्य केंद्र खोले गए, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बेहतर हुई।
4. डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की भर्ती:
- झारखंड में डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की कमी को दूर करने के लिए सरकार ने बड़ी संख्या में डॉक्टरों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों की भर्ती की। 2019 तक झारखंड में डॉक्टरों की संख्या में लगभग 30% की वृद्धि हुई।
- टेलीमेडिसिन सेवाओं को भी ग्रामीण इलाकों में बढ़ावा दिया गया, जिससे दूरस्थ क्षेत्रों में भी विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह सुलभ हो सके।
5. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM):
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कई योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया गया। इसमें विशेष रूप से मलेरिया, टीबी, डायरिया और कुपोषण जैसी बीमारियों की रोकथाम के लिए कार्यक्रम चलाए गए।
- 2019 तक कुपोषण दर में लगभग 7% की कमी आई। बच्चों और गर्भवती महिलाओं में पोषण सुधार के लिए आंगनवाड़ी सेवाओं को मजबूत किया गया।
6. टीकाकरण अभियान:
- 2014 से 2019 के बीच झारखंड में टीकाकरण कवरेज में सुधार हुआ। मिशन इंद्रधनुष के तहत, राज्य में टीकाकरण से वंचित बच्चों को टीका लगाया गया। 2019 तक राज्य का पूर्ण टीकाकरण कवरेज 90% तक पहुँच गया।
7. स्वच्छ भारत मिशन और स्वास्थ्य संबंध:
- स्वच्छ भारत मिशन के तहत, झारखंड में शौचालय निर्माण और स्वच्छता को बढ़ावा दिया गया, जिसका सीधा असर जनस्वास्थ्य पर पड़ा। 2019 तक राज्य में स्वच्छता सुविधाओं तक पहुँच बढ़ी और जलजनित बीमारियों में कमी आई।
8. मिशन इन्द्रधनुष:
- इस मिशन के अंतर्गत बच्चों और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण बढ़ाने के लिए राज्य में व्यापक अभियान चलाए गए। टीकाकरण के कवरेज में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई।
9. जनसंख्या नियंत्रण और परिवार नियोजन:
- परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत जनसंख्या नियंत्रण के लिए सरकारी अस्पतालों में विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान की गईं। इसका उद्देश्य जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करना और जनस्वास्थ्य को बेहतर बनाना था।
पेयजल एवं स्वच्छता
1. पीने के पानी की आपूर्ति:
- हर घर नल से जल योजना: 2019 तक, झारखंड में कई घरों को नल से जल उपलब्ध कराने की योजना पर तेजी से काम हुआ। 2014 में जहां केवल 3% ग्रामीण घरों को नल से पानी मिल रहा था, वहीं 2019 तक यह आंकड़ा बढ़कर 15% तक पहुंच गया।
- ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल योजनाएं: ग्रामीण इलाकों में पाइपलाइन बिछाने और जलाशयों से जल आपूर्ति करने की योजनाएं चलाई गईं, जिससे लाखों ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो सका।
- हैंडपंप और जल कूप (कुआं) योजना: 2014-2019 के दौरान, हजारों नए हैंडपंप और कूप लगाए गए, ताकि उन क्षेत्रों में पेयजल की समस्या हल की जा सके, जहां पाइपलाइन से जलापूर्ति संभव नहीं थी।
2. स्वच्छता विकास:
- स्वच्छ भारत मिशन: केंद्र सरकार की स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत, झारखंड ने बड़े पैमाने पर शौचालय निर्माण का कार्य किया। 2014 में, राज्य के केवल 18% ग्रामीण घरों में शौचालय थे। 2019 तक यह संख्या बढ़कर 85% हो गई।
- ओपन डिफेक्शन फ्री (ODF) लक्ष्य: 2019 तक, झारखंड ने ओडीएफ घोषित करने का लक्ष्य रखा था और इस दिशा में बड़ी प्रगति की गई थी।
- सैनिटेशन कार्यक्रम: राज्य सरकार ने ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में ठोस कचरा प्रबंधन और अन्य स्वच्छता योजनाओं को लागू किया, जिसमें कचरा निस्तारण की सुविधाएं और लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना शामिल था।
3. मुख्य योजनाएं और कार्यक्रम:
- नल-जल योजना: ग्रामीण इलाकों में स्वच्छ पेयजल सुनिश्चित करने के लिए नल-जल योजनाएं लागू की गईं।
- बाजरा विकास योजना और जल स्रोत संरक्षण: पारंपरिक जल स्रोतों जैसे तालाब, कूप, और नदियों का संरक्षण और पुनर्विकास के कार्य किए गए, ताकि जल संकट को हल किया जा सके।
- जलसंरक्षण अभियान: जल की गुणवत्ता सुधारने और जल संरक्षण के उपायों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न अभियान चलाए गए।
4. आंकड़े और परिणाम:
- पीने का पानी: 2014 में जहां लगभग 30% ग्रामीण इलाकों को स्वच्छ पेयजल मिल रहा था, 2019 तक यह आंकड़ा लगभग 65% तक पहुंच गया।
- स्वच्छता: झारखंड ने 2019 तक 85% से अधिक ग्रामीण घरों में शौचालय निर्माण करवा लिया और 2020 तक ओडीएफ राज्य बनने का लक्ष्य रखा था।
महिलाओं सशक्तिकरण, आजीविका विकास
1. सखी मंडल (महिला स्वयं सहायता समूह)
- 2014 से 2019 के बीच, झारखंड में सखी मंडल का विस्तार तेजी से हुआ।
- 3.5 लाख से अधिक महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों में संगठित किया गया, जो उन्हें वित्तीय स्वावलंबन की ओर ले जाने में सहायक बने।
- इन समूहों के माध्यम से, महिलाओं को सरकारी और बैंक ऋण उपलब्ध कराए गए, ताकि वे छोटे-मोटे व्यवसाय शुरू कर सकें।
- इस अवधि में 2000 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण वितरण किया गया।
2. झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (JSLPS)
- JSLPS ने 2014 से 2019 तक ग्रामीण महिलाओं के बीच आय बढ़ाने वाली गतिविधियों को बढ़ावा दिया।
- 15,000 से अधिक गांवों में महिलाओं के लिए आजीविका के अवसर बढ़ाए गए।
- 1.3 लाख से अधिक महिलाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण दिया गया, जिससे वे विभिन्न व्यवसायों में शामिल हो सकीं।
3. कौशल विकास प्रशिक्षण
- इस अवधि में महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों में रोजगारपरक प्रशिक्षण दिया गया, जैसे कि बुनाई, हस्तकला, कृषि, डेयरी, और अन्य लघु उद्योग।
- करीब 1 लाख महिलाओं को तकनीकी और कौशल विकास से जुड़े कार्यक्रमों के तहत प्रशिक्षित किया गया।
- इस पहल के अंतर्गत 75% महिलाओं को रोजगार प्राप्त हुआ या उन्होंने अपना खुद का व्यवसाय शुरू किया।
4. उज्ज्वला योजना
- झारखंड सरकार ने केंद्र सरकार की उज्ज्वला योजना को सफलतापूर्वक लागू किया, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को धुआं रहित रसोई गैस उपलब्ध कराई गई।
- 2014 से 2019 तक, झारखंड में 30 लाख से अधिक महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन दिए गए, जिससे उनका स्वास्थ्य और समय दोनों सुरक्षित हुआ और वे अन्य आजीविका गतिविधियों में भाग ले सकीं।
5. मुख्यमंत्री सुकन्या योजना
- यह योजना झारखंड में बालिकाओं और उनकी माताओं को आर्थिक सहायता देने के उद्देश्य से शुरू की गई थी।
- इस योजना के तहत 7 लाख से अधिक लड़कियों और महिलाओं को लाभान्वित किया गया, जो उनकी शिक्षा और सशक्तिकरण के लिए उपयोगी सिद्ध हुआ।
6. महिला पुलिसकर्मियों की नियुक्ति
- महिलाओं के सशक्तिकरण के तहत, झारखंड में पुलिस बल में महिलाओं की नियुक्ति पर भी ध्यान दिया गया।
- 2014 से 2019 के बीच 30% आरक्षण के तहत हजारों महिला पुलिसकर्मियों की भर्ती की गई, जिससे महिलाओं की सुरक्षा और रोजगार दोनों में सुधार हुआ।
7. रोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा देना
- सरकार ने महिला उद्यमियों को सहायता देने के लिए विशेष योजनाएं शुरू कीं, जैसे कि ब्याज दर में सब्सिडी और आसान ऋण।
- महिला उद्यमिता में 15% की वृद्धि दर्ज की गई, जिससे हजारों महिलाओं को रोजगार मिला और उन्होंने छोटे-मोटे उद्योग स्थापित किए।
Jharkhand
जेएमएम+कांग्रेस गठबंधन सरकार (2019-24):
शिक्षा
1. विद्यालयों के आधारभूत ढांचे में सुधार
झारखंड सरकार ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के सरकारी विद्यालयों के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए ठोस कदम उठाए। इसमें नए भवनों का निर्माण, शौचालयों की सुविधा, पेयजल व्यवस्था, और बिजली कनेक्शन सुनिश्चित करना शामिल था। इसका उद्देश्य था कि सभी छात्रों को एक बेहतर और सुरक्षित शिक्षा वातावरण मिल सके।
2. सर्व शिक्षा अभियान
2019 से 2024 के बीच सर्व शिक्षा अभियान के तहत झारखंड में शिक्षा का विस्तार किया गया। इसका उद्देश्य 6 से 14 वर्ष के सभी बच्चों को शिक्षा प्रदान करना था। इस अभियान के अंतर्गत विशेष रूप से आदिवासी और पिछड़े वर्गों के बच्चों की शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया गया।
3. स्कूल ड्रॉपआउट दर में कमी
झारखंड सरकार ने बच्चों के बीच स्कूल छोड़ने की दर कम करने के लिए कई योजनाओं को लागू किया। इसमें मिड-डे मील योजना को और प्रभावी बनाना, छात्रवृत्ति योजनाओं को लागू करना और स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने जैसे उपाय किए गए।
4. ज्ञानोदय योजना
2019 के बाद झारखंड सरकार ने ज्ञानोदय योजना के तहत तकनीकी और उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति का विस्तार किया। इसका मुख्य उद्देश्य था कि गरीब और वंचित वर्ग के छात्रों को उच्च शिक्षा तक पहुंच प्रदान की जाए। इस योजना के तहत छात्रों को शैक्षणिक सहायता और प्रोत्साहन दिए गए।
5. स्मार्ट क्लासरूम का विकास
सरकार ने डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम और ई-लर्निंग सुविधाओं की स्थापना की। इसके तहत छात्रों को तकनीकी शिक्षा की ओर आकर्षित करने के लिए कंप्यूटर और इंटरनेट की सुविधा प्रदान की गई, जिससे उन्हें आधुनिक शिक्षा पद्धतियों से जोड़ने का प्रयास किया गया।
6. साइकिल वितरण योजना
छात्राओं की उपस्थिति और उनकी पढ़ाई को बढ़ावा देने के लिए साइकिल वितरण योजना को लागू किया गया, जिससे दूरदराज के क्षेत्रों से आने वाली लड़कियों को स्कूल जाने में सुविधा हो सके और उनकी उपस्थिति में सुधार हो सके।
7. शिक्षक प्रशिक्षण और नियुक्ति
झारखंड सरकार ने 2019 से 2024 के बीच शिक्षकों के प्रशिक्षण और नियुक्ति पर विशेष ध्यान दिया। योग्य और प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति सुनिश्चित की गई और उन्हें समय-समय पर नई शैक्षिक विधियों से प्रशिक्षित किया गया।
8. मदरसा शिक्षा में सुधार
मुस्लिम समुदाय के छात्रों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए मदरसा शिक्षा में सुधार लाया गया। मदरसा बोर्ड के माध्यम से इन संस्थानों में विज्ञान, गणित और अंग्रेजी जैसे विषयों को जोड़ा गया ताकि इन छात्रों को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ा जा सके।
9. विशेष छात्रवृत्ति योजनाएं
आदिवासी, दलित और पिछड़े वर्ग के छात्रों के लिए विशेष छात्रवृत्ति योजनाएं चलाई गईं, जिससे उनकी उच्च शिक्षा तक पहुंच आसान हो सके। इसके तहत उन्हें कॉलेज और विश्वविद्यालय की पढ़ाई के लिए वित्तीय सहायता दी गई।
10. आदर्श विद्यालयों की स्थापना
झारखंड सरकार ने राज्य के विभिन्न जिलों में आदर्श विद्यालयों की स्थापना की, जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करते हैं। इन विद्यालयों में अच्छी सुविधाएं, आधुनिक पाठ्यक्रम, और योग्य शिक्षक उपलब्ध कराए गए हैं।
स्वास्थ्य
1. मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना
- लॉन्च: झारखंड सरकार ने 2020 में मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना की शुरुआत की थी।
- लक्ष्य: इस योजना के तहत राज्य के सभी गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान किया गया।
- लाभार्थी संख्या: 2024 तक इस योजना से लगभग 57 लाख से अधिक परिवारों को लाभ प्राप्त हुआ।
2. आयुष्मान भारत योजना का विस्तार
- लक्ष्य: इस योजना के तहत राज्य के गरीब परिवारों को हर साल 5 लाख रुपये तक की चिकित्सा सुविधा दी गई।
- सुविधाएं: 2024 तक झारखंड में इस योजना के तहत 80 लाख से अधिक लोगों को फायदा पहुंचा, और 1500 से अधिक अस्पताल इस योजना के तहत सूचीबद्ध किए गए।
3. कोविड-19 महामारी के दौरान स्वास्थ्य ढांचे का सुधार
- अस्पतालों की संख्या में वृद्धि: 2019 से पहले राज्य में बेहतर चिकित्सा सुविधाओं की कमी थी। लेकिन 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान सरकार ने अस्पतालों, ऑक्सीजन प्लांट, वेंटिलेटर और आईसीयू सुविधाओं की संख्या में भारी वृद्धि की।
- टीकाकरण कार्यक्रम: 2021 में सरकार ने सफलतापूर्वक कोविड टीकाकरण अभियान चलाया। 2024 तक राज्य में 80% से अधिक योग्य आबादी को टीका लगाया जा चुका है।
4. टेलीमेडिसिन और डिजिटल स्वास्थ्य सेवाएं
- लॉन्च: झारखंड सरकार ने ग्रामीण इलाकों में टेलीमेडिसिन सेवाओं का विस्तार किया। अब लोग डिजिटल माध्यम से डॉक्टरों से परामर्श ले सकते हैं।
- लाभार्थी संख्या: 2024 तक करीब 10 लाख से अधिक ग्रामीणों ने इस सेवा का लाभ उठाया।
5. मातृत्व और शिशु स्वास्थ्य सेवाएं
- जननी सुरक्षा योजना: सरकार ने गर्भवती महिलाओं को मुफ्त चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए जननी सुरक्षा योजना का विस्तार किया।
- संख्या: 2019 से 2024 तक लगभग 12 लाख से अधिक गर्भवती महिलाओं को इस योजना के तहत लाभ मिला।
- मातृत्व मृत्यु दर में कमी: 2024 तक मातृत्व मृत्यु दर में 15% की कमी आई।
6. कुपोषण से निपटने के लिए कार्यक्रम
- संपूर्ण पोषण अभियान: झारखंड में कुपोषण एक बड़ी समस्या रही है, जिसे दूर करने के लिए राज्य सरकार ने सम्पूर्ण पोषण अभियान की शुरुआत की।
- लक्ष्य: इस अभियान के तहत बच्चों, गर्भवती महिलाओं और किशोरियों के पोषण स्तर को बढ़ाने के लिए विशेष योजनाएं चलाई गईं।
- परिणाम: 2024 तक कुपोषित बच्चों की संख्या में 10% की कमी आई।
7. स्वास्थ्य ढांचा सुधार
- अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र: 2019 से 2024 के बीच झारखंड में 200 से अधिक नए स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए गए। साथ ही, जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में बुनियादी ढांचे को भी सुधारा गया।
- विशेष चिकित्सा सुविधाएं: रांची और जमशेदपुर में विशेष चिकित्सा सुविधाओं के लिए सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों का निर्माण किया गया।
8. आंकड़े (2019-2024)
- स्वास्थ्य बजट वृद्धि: 2019 से 2024 तक राज्य सरकार ने स्वास्थ्य बजट में 25% की वृद्धि की। यह बजट विभिन्न योजनाओं, अस्पताल सुधार और चिकित्सा उपकरणों की खरीद पर खर्च किया गया।
- जन स्वास्थ्य सूचकांक: 2024 में झारखंड का स्वास्थ्य सूचकांक 2019 के मुकाबले 20% सुधरा है।
पेयजल एवं स्वच्छता
1. नल-जल योजना के तहत पेयजल आपूर्ति:
- 2019 से 2024 के बीच झारखंड सरकार ने नल से जल योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल आपूर्ति को प्राथमिकता दी।
- लगभग 35 लाख ग्रामीण घरों को नल से जल कनेक्शन प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से 2024 तक 25 लाख से अधिक घरों को कनेक्शन मिल चुका था।
- शहरी क्षेत्रों में भी जल आपूर्ति व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया है, जहां पाइपलाइन विस्तार और जल शुद्धिकरण संयंत्रों की स्थापना की गई है।
2. स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण):
- स्वच्छता अभियान के तहत झारखंड के ग्रामीण इलाकों में ओपन डिफेकेशन फ्री (ODF) घोषित करने के लिए 5 लाख से अधिक शौचालयों का निर्माण किया गया।
- 2024 तक, राज्य के 90% से अधिक गांवों को ODF घोषित किया जा चुका है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
3. शहरी स्वच्छता कार्यक्रम:
- झारखंड सरकार ने शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाने और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए कई योजनाएं शुरू कीं।
- स्वच्छ सर्वेक्षण में झारखंड के विभिन्न शहरों की रैंकिंग में भी सुधार देखा गया, जिसमें 2023 में रांची और जमशेदपुर की सफाई स्थिति में वृद्धि दर्ज की गई।
4. जल जीवन मिशन:
- 2019 में प्रारंभ हुए जल जीवन मिशन के तहत झारखंड सरकार ने ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में जल आपूर्ति योजनाओं को क्रियान्वित किया।
- राज्य के आदिवासी और पिछड़े क्षेत्रों में पाइपलाइनों और जल वितरण नेटवर्क का विस्तार किया गया, जिससे वहां के लोगों को पीने का साफ पानी मिला।
- मिशन के तहत झारखंड में करीब 1,200 नए जल स्रोतों का निर्माण किया गया और जल भंडारण के लिए बड़ी संख्या में टैंकों का निर्माण किया गया।
5. स्वच्छता में वित्तीय निवेश:
- 2019 से 2024 तक, झारखंड सरकार ने पेयजल और स्वच्छता सेवाओं में कुल मिलाकर 7,500 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया।
- इस निवेश का बड़ा हिस्सा ग्रामीण क्षेत्रों में जलापूर्ति योजनाओं, शौचालय निर्माण और अपशिष्ट प्रबंधन की योजनाओं पर खर्च किया गया।
6. आदिवासी क्षेत्रों पर विशेष ध्यान:
- राज्य के आदिवासी क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल की पहुंच बढ़ाने के लिए विशेष योजनाएं चलाई गईं। आदिवासी बाहुल्य गांवों में जल संकट को दूर करने के लिए छोटे जलाशयों और कुओं की मरम्मत की गई और नए जलस्रोतों का विकास किया गया।
7. जल संरक्षण और जल पुनर्भरण:
- झारखंड सरकार ने वर्षा जल संग्रहण और जल पुनर्भरण के लिए विशेष योजनाएं लागू कीं, ताकि जल संकट से निपटा जा सके।
- इस दौरान 1,500 से अधिक जल संरक्षण ढांचों का निर्माण किया गया, जिसमें तालाबों और जलाशयों का पुनर्निर्माण शामिल था।
महिलाओं सशक्तिकरण, आजीविका विकास
1. सखी मंडल (महिला स्वयं सहायता समूह)
झारखंड सरकार ने सखी मंडल के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए विशेष योजनाएं चलाईं। इन समूहों ने आजीविका के विभिन्न साधनों के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया।
- 2019 में सखी मंडल की संख्या: लगभग 1.7 लाख।
- 2024 तक वृद्धि: 3.2 लाख से अधिक सखी मंडल सक्रिय हो चुके हैं।
- लाभार्थी महिलाएं: 40 लाख से अधिक महिलाएं इन स्वयं सहायता समूहों से जुड़ीं और विभिन्न प्रशिक्षण प्राप्त कर स्वरोजगार में लगीं।
2. फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स
झारखंड सरकार ने महिलाओं के लिए फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स की स्थापना की, जिससे उन्हें कृषि आधारित उत्पादों को प्रोसेस करके बाजार में बेचने का अवसर मिला।
- 2019 में प्रारंभिक यूनिट्स: लगभग 100
- 2024 में: 500 से अधिक फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स।
- लाभान्वित महिलाएं: लगभग 50,000 महिलाएं इस परियोजना से लाभान्वित हुईं।
3. झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (JSLPS)
JSLPS के तहत ग्रामीण महिलाओं को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और उद्यमशीलता के अवसर दिए गए।
- 2019 से 2024 तक: 60,000 से अधिक महिलाओं को छोटे और मध्यम व्यवसाय स्थापित करने के लिए सहायता दी गई।
- कुल वित्तीय सहायता: 1500 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण प्रदान किया गया।
4. तेजस्विनी परियोजना
युवतियों और महिलाओं के लिए विशेष रूप से चलाई गई तेजस्विनी परियोजना ने 14 से 24 वर्ष की आयु की महिलाओं के कौशल विकास पर जोर दिया।
- 2019 में लाभार्थी: लगभग 1.5 लाख।
- 2024 में: 3.5 लाख से अधिक युवतियों को इस योजना का लाभ मिला।
- प्रमुख क्षेत्र: सिलाई, बुनाई, हस्तशिल्प, कृषि और पशुपालन।
5. मुख्यमंत्री सुकन्या योजना
इस योजना का उद्देश्य गरीबी रेखा से नीचे (BPL) परिवारों की बालिकाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना और उनकी शिक्षा और विवाह के लिए धनराशि सुनिश्चित करना था।
- 2019 से 2024 के बीच लाभार्थी: 4 लाख से अधिक बालिकाओं को सहायता मिली।
- कुल आवंटित राशि: 300 करोड़ रुपये से अधिक।
6. पैकेजिंग और विपणन प्रशिक्षण
महिलाओं को कृषि उत्पादों, हस्तशिल्प और कुटीर उद्योग के उत्पादों के पैकेजिंग और विपणन में कुशल बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया गया।
- 2024 तक प्रशिक्षण प्राप्त महिलाओं की संख्या: 25,000 से अधिक।
- बाजार में विस्तार: महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में बेचा गया।
7. महिला कृषक सशक्तिकरण
सरकार ने महिला किसानों को आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान की, जिससे उन्होंने आधुनिक खेती, जैविक खेती और डेयरी उत्पादन में महत्वपूर्ण प्रगति की।
- 2019 से 2024 तक: 2 लाख से अधिक महिला किसानों को सहायता दी गई।
- आजीविका में वृद्धि: इन महिलाओं की मासिक आय में 40% से अधिक की वृद्धि हुई।
8. शिक्षा और डिजिटल सशक्तिकरण
महिलाओं के लिए विशेष रूप से डिजिटल साक्षरता अभियान चलाए गए, जिनमें महिलाओं को डिजिटल उपकरणों का उपयोग सिखाया गया।
- 2019 से 2024 तक: 1 लाख से अधिक महिलाएं डिजिटल रूप से सशक्त हुईं।
- प्रमुख क्षेत्र: ई-कॉमर्स, डिजिटल पेमेंट्स, ऑनलाइन व्यवसाय।
9. महिला उद्यमिता विकास
महिला उद्यमियों को समर्थन देने के लिए स्टार्टअप योजनाओं के तहत वित्तीय सहायता, मार्गदर्शन और कर्ज उपलब्ध कराए गए।
- 2019 से 2024 तक: 10,000 से अधिक महिला उद्यमियों ने अपने व्यवसाय शुरू किए।
- कुल निवेश: 500 करोड़ रुपये से अधिक।